रािरीय पाठ्यचयािकी रूपरेिा, नई हिक्षा नीहत 2020 तर्था कें द्रीय माध्यहमक हिक्षा बोर्िद्वारा समय-समय पर
दक्षता आधाररत हिक्षा, कला समेहकत अहधगम, अनुभवात्मक अहधगम को अपनानेकी प्रेरणा दी गई ैजो
हिक्षाहर्थियोीं की प्रहतभा को उजागर करने, िेल-िेल मेंसीिनेपर बल देने,आनींदपूणिज्ञानाजिन और हवद्याजिन
के हवहवध तरीकोींको अपनानेतर्था अनुभव के द्वारा सीिनेपर बल देती ै।
दक्षता आधाररत हिक्षा सेतात्पयि ैसीिनेऔर मूल्ाींकन करनेका एक ऐसा दृहिकोण जो हिक्षार्थी के सीिने
के प्रहतफल और हवषय मेंहविेष दक्षता को प्राप्त करनेपर बल देता ै। दक्षता व क्षमता, कौिल, ज्ञान और
दृहिकोण ैजो व्यखक्त को वास्तहवक जीवन मेंकायिकरनेमेंस ायता करता ै। इससेहिक्षार्थी य सीि सकते
ैंहक ज्ञान और कौिल को हकस प्रकार प्राप्त हकया जाए तर्था उन्हेंवास्तहवक जीवन की समस्याओीं पर कै से
लागूहकया जाए। प्रिेक हवषय, प्रिेक पाठ को जीवनोपयोगी बनाकर प्रयोग मेंलाना ी दक्षता आधाररत हिक्षा
ै। इसके हलए उच्च स्तरीय हचींतन कौिल पर हविेष बल देनेकी आवश्यकता ै।
कला समेहकत अहधगम को हिक्षण-अहधगम प्रहक्रया मेंसुहनहित करना अिहधक आवश्यक ै। कला के सींसार
मेंकल्पना की एक अलग ी उडान ोती ै। कला एक व्यखक्त की रचनात्मक अहभव्यखक्त ै। कला समेहकत
अहधगम सेतात्पयि ैकला के हवहवध रूपोीं सींगीत, नृि, नािक, कहवता, रींगिाला, यात्ा, मूहतिकला, आभूषण
बनाना, गीत हलिना, नुक्कड नािक, कोलाज, पोस्टर, कला प्रदििनी को हिक्षण अहधगम की प्रहक्रया का अहभन्न
ह स्सा बनाना। हकसी हवषय को आरींभ करनेके हलए आइस ब्रेहकीं ग गहतहवहध के रूप मेंतर्था सामींजस्यपूणि
समझ पैदा करनेके हलए अींतरहवषयक या बहुहवषयक पररयोजनाओीं के रूप मेंकला समेहकत अहधगम का
प्रयोग हकया जाना चाह ए। इससेपाठ अहधक रोचक एवीं ग्राह्य ो जाएगा।
अनुभवात्मक अहधगम या आनुभहवक ज्ञानाजिन का उद्देश्य िैहक्षक वातावरण को हिक्षार्थी कें हद्रत बनानेके सार्थसार्थ स्वयीं मूल्ाींकन करने, आलोचनात्मक रूप सेसोचने, हनणिय लेनेतर्था ज्ञान का हनमािण कर उसमेंपारींगत
ोनेसे ै। य ााँ हिक्षक की भूहमका मागिदििक की र ती ै। ज्ञानाजिन अनुभव स योगात्मक अर्थवा स्वतींत्
ोता ैऔर य हिक्षार्थी को एक सार्थ कायिकरनेतर्था स्वयीं के अनुभव द्वारा सीिनेपर बल देता ै। य
हसद्ाींत और व्यव ार के बीच की दू री को कम करता ैI
इस पाठ्यक्रम के अध्ययन से:
1. हिक्षार्थी अपनी रुहच और आवश्यकता के अनुरूप साह ि का ग न और हविेष अध्ययन जारी रि
सकें गे।
2. हवश्वहवद्यालय स्तर पर हनधािररत ह ींदी-साह ि से सींबींहधत पाठ्यक्रम के सार्थ स ज सींबींध थर्थाहपत कर
सकें गे।
3. लेिन-कौिल के व्याव ाररक और सृजनात्मक रूपोीं की अहभव्यखक्त में सक्षम ो सकें गे।
4. रोज़गार के हकसी भी क्षेत् में जाने पर भाषा का प्रयोग प्रभावी ढींग से कर सकें गे।
5. य पाठ्यक्रम हिक्षार्थी को जनसींचार तर्था प्रकािन जैसे हवहभन्न-क्षेत्ोीं में अपनी क्षमता व्यक्त करने का
अवसर प्रदान कर सकता ै।
6. हिक्षार्थी दो हभन्न पाठोीं की पाठ्यवस्तुपर हचींतन करके उनके मध्य की सींबद्ता पर अपनेहवचार
अहभव्यक्त करनेमेंसक्षम ो सकें गे।
7. हिक्षार्थी रिे-रिाए वाक्ोींके थर्थान पर अहभव्यखक्तपरक/ खथर्थहत आधाररत/ उच्च हचींतन क्षमता प्रश्ोींपर स जता से अपनेहवचार प्रकि कर सकें गे।